ऑपरेशन विजय | What is Operation Vijay

What is operation Vijay | क्या है ऑपरेशन विजय?

Operation Vijay भारत के सैन्य इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जिसमें 1961 और 1999 में दो अलग-अलग सैन्य अभियानों को सम्मिलित किया गया। ये ऑपरेशन भारत की सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित किए गए थे। इस लेख में, हम “ऑपरेशन विजय” के दोनों अभियानों का पूरा इतिहास जानेंगे, और इनकी प्रारंभिकता के पीछे कारणों को समझेंगे।

Operation Vijay 1961 | गोवा, दमन और दीव की मुक्ति

भारत ने 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। हालाँकि, कुछ क्षेत्र ऐसे थे जो बाद की तारीखों तक विदेशी नियंत्रण में रहे। ऐसा ही एक क्षेत्र गोवा, दमन और दीव था, जो पुर्तगाल के अधीन थे और 1961 तक भारत का हिस्सा नहीं थे।  

पुर्तगालियों ने पहली बार 16वीं शताब्दी की शुरुआत में गोवा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बाद में दमन और दीव पर अपना नियंत्रण बढ़ाया। 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के बावजूद, ये क्षेत्र पुर्तगाली शासन के अधीन बने रहे और स्वतंत्र भारत में एकीकृत नहीं हुए।

स्वतंत्रता के बाद के वर्षों में, भारत ने शांतिपूर्वक इन क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने के लिए कई कूटनीतिक प्रयास किए। हालाँकि, ये प्रयास असफल रहे, और पुर्तगाल ने गोवा, दमन और दीव का नियंत्रण भारत को सौंपने से इनकार कर दिया। 1961 में, भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर पुर्तगालियों द्वारा गोलीबारी किए जाने के बाद, एक मछुआरा मारा गया। जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ गया।

इसके परिणामस्वरूप, 17 दिसंबर 1961 में, भारत ने इन क्षेत्रों को पुर्तगाली शासन से मुक्त करने के लिए “Operation Vijay” के रूप में जाना जाने वाला एक सैन्य अभियान शुरू किया। युद्ध 36 घंटे चला, और 19 दिसंबर 1961 को पुर्तगाली सेना ने हार मान ली, और उसी दिन से गोवा, दमन और दीव को औपचारिक रूप से भारत में मिला लिया गया और वे भारत के केंद्र शासित प्रदेश बन गए। बाद में, 1987 में, दमन और दीव को गोवा से अलग कर दिया गया और एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जिसे दमन और दीव के नाम से जाना जाता है।

Operation Vijay 1999 | कारगिल युद्ध (kargil war)

1999 में Operation Vijay, जिसे kargil war के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सशस्त्र सेना के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण क्षण था। यह युद्ध जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था। इस ऑपरेशन का उद्देश्य, पाकिस्तानी सैनिकों की कारगिल में घुसपैठ को रोकना और जवाबी कार्यवाही करना था, जो भारतीय सुरक्षा के लिए एक खतरा प्रस्तुत कर रहे थे।

कारगिल युद्ध मई 1999 में शुरू हुआ, जब भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के मौजूदगी का पता लगाया। प्रतिक्रिया के रूप में, 26 मई 1999 को भारतीय सेना ने “Operation Vijay” की शुरुआत की। इस ऑपरेशन में भूमिगत हमलों, वायु हमलों और शस्त्र बारूद की तीव्रता का उपयोग किया गया।

Operation Vijay में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हटाने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग किया। यह युद्ध 60 दिनों तक चला, और अंततः 26 जुलाई 1999 को भारत ने इस युद्ध में जीत हासिल की, और पाकिस्तानी सेना को हराकर कारगिल क्षेत्र पर नियंत्रण फिर से प्राप्त किया।

निष्कर्ष

1961 में Operation Vijay और 1999 में Operation Vijay दोनों ही भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। गोवा की मुक्ति 1961 में भारत की संप्रभुता की सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में भारतीय सेना की निरंतरता को प्रदर्शित करती है। 1999 का kargil war भारतीय सीमा की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

ये ऑपरेशन भारतीय सेना के समर्पण और साहस को प्रतिष्ठित करते हैं। ये देश के हित के पीछे लड़ने और विजय प्राप्त करने की दृढ़ता का उदाहरण हैं। ऑपरेशन विजय के माध्यम से भारतीय सेना ने अपनी महानता की कहानी लिखी और इसे देश और दुनिया के सामरिक मंचों पर प्रस्तुत किया।

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