रावण के दस सिर: रामायण का मुख्य प्रतिपक्षी रावण अपने दस सिरों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें से प्रत्येक उसके व्यक्तित्व के एक अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करता है।
दुर्गा पूजा का महत्व: पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में, राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का सम्मान करते हुए, दशहरा को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है।
पुतले जलाना: दशहरा की एक प्रमुख परंपरा में रावण के पुतले जलाना शामिल है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
राम लीला की भूमिकाउत्तर भारत में, राम लीला दशहरे के दौरान प्रदर्शित रामायण के दृश्यों का एक नाटकीय पुनर्मूल्यांकन है।
आयुध पूजा:भारत के दक्षिणी भागों में, दशहरे पर आयुध पूजा की जाती है, जहाँ औजारों और वाहनों की पूजा की जाती है।
मैसूर दशहरा महोत्सव: कर्नाटक में मैसूर सबसे भव्य दशहरा समारोहों में से एक का आयोजन करता है, जिसे मैसूर दशहरा के नाम से जाना जाता है, जिसमें एक राजसी जुलूस निकाला जाता है।