परिचय
India national anthem, “जन गण मन (Jana Gana Mana)”, इतिहास, संस्कृति और विविधता से समृद्ध राष्ट्र की धड़कनों से गूंजता है। महान रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) द्वारा रचित, यह गान एकता के प्रतीक के रूप में विकसित हुआ है, जो आधुनिक भारत की असंख्य आवाज़ों और परिदृश्यों को दर्शाता है। अपने मनमोहक गीतों और प्रेरक धुन के साथ, “जन गण मन” देश की आजादी के संघर्ष और एक सामंजस्यपूर्ण और समावेशी समाज की दिशा में चल रही यात्रा के सार को समाहित करता है।
“जन गण मन (Jana Gana Mana)” का विकास
“जन गण मन (Jana Gana Mana)”, पहली बार रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) द्वारा 11 December, 1911 में उनकी रचना “भरोतो भाग्य बिधाता” के भाग के रूप में लिखा गया था। मूल बंगाली गीत किंग जॉर्ज पंचम (King George V) की भारत यात्रा के सम्मान में लिखे गए थे। पिछले कुछ वर्षों में, national anthem के अर्थ और महत्व में परिवर्तनकारी परिवर्तन आए हैं, जो शाही स्वागत से लेकर राष्ट्र की एकता के लिए रैली के नारे तक विकसित हुआ है।
इस धुन की रचना टैगोर ने ऐसी शैली में की थी जो सार्वभौमिक अपील को बनाए रखते हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत के लोकाचार को दर्शाती है। राष्ट्रगान (national anthem) की गति, लय और ताल गर्व और देशभक्ति की भावना पैदा करते हैं, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों के भारतीयों के बीच साझा पहचान की भावना को बढ़ावा मिलता है।
India national anthem lyrics – Jana Gana Mana Lyrics in Hindi
जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा
द्रविड़ उत्कल बंग।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग।
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मागे।
गाहे तव जयगाथा।
जन गण मंगलदायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे॥
रवीन्द्रनाथ टैगोर
India national anthem lyrics – Jana Gana Mana Lyrics in English
Jana-gana-mana-adhinayaka jaya he
Bharata-bhagya-vidhata
Panjaba-Sindhu-Gujarata-Maratha
Dravida-Utkala-Banga
Vindhya-Himachala-Yamuna-Ganga
Uchchala-jaladhi-taranga
Tava Subha name jage
Tava subha asisa mage
Gahe tava jaya-gatha
Jana-gana-mangala-dayaka jaya he
Bharata-bhagya-vidhata
Jaya he, Jaya he, Jaya he
Jaya jaya jaya jaya he
Rabindranath Tagore
भारत की विविधता का जश्न मनाना
“जन गण मन (Jana Gana Mana)”, के बोल भारत की विविध सांस्कृतिक, भाषाई और भौगोलिक विविधता के लिए एक श्रद्धांजलि हैं। राष्ट्रगान (national anthem) के कई छंद विविधता में एकता को उजागर करते हैं जो राष्ट्र को परिभाषित करते हैं, विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों को पहचानते हुए उनके सामूहिक बंधन पर जोर देते हैं। इस समावेशिता का उदाहरण भारतीय भाषाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के उपयोग से मिलता है, जिसमें प्रत्येक छंद एक अलग भाषाई समूह का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें बंगाली, हिंदी, उर्दू और बहुत कुछ शामिल हैं।
राष्ट्रगान (national anthem) की प्रारंभिक पंक्तियाँ, “जन गण मन अधिनायक जय हे,” जनता के नेता के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना व्यक्त करती हैं, जो राष्ट्र के प्रति लोगों की अटूट भक्ति को दर्शाती हैं। ये शब्द भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार को रेखांकित करते हैं, जहां सत्ता अंततः लोगों के पास रहती है।
भारत के संघर्ष का एक इतिहास
“जन गण मन (Jana Gana Mana)”, अपने छंदों में स्वतंत्रता की दिशा में भारत की कठिन यात्रा का इतिहास समेटे हुए है। उग्र राष्ट्रवादी आंदोलनों के दौर में लिखा गया यह गान औपनिवेशिक शासन के खिलाफ प्रतिरोध की भावना को सूक्ष्मता से प्रस्तुत करता है। “पंजाबा सिंधु गुजरात मराठा द्रविड़ उत्कल बंग” शब्द भारत के भौगोलिक विस्तार को दर्शाते हैं, जो देश के इतिहास में विविध क्षेत्रों और उनके योगदान को स्वीकार करते हैं।
प्रेरणा और एकता
“जन गण मन (Jana Gana Mana)”, भाषाई और सांस्कृतिक सीमाओं से परे है, भारतीयों के बीच साझा उद्देश्य और एकता की भावना का आह्वान करता है। जब सामूहिक रूप से गाया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली गान में बदल जाता है जो लोगों को उनकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना एकजुट करता है, अपनेपन और साझा भाग्य की भावना को बढ़ावा देता है। इस गान में भावनाओं को जगाने, देशभक्ति जगाने और देश की प्रगति के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करने की उल्लेखनीय क्षमता है।
विवाद और व्याख्याएँ
अपने पूरे इतिहास में, “जन गण मन (Jana Gana Mana)” विभिन्न विवादों और व्याख्याओं का विषय भी रहा है। कुछ आलोचकों का तर्क है कि किंग जॉर्ज पंचम के लिए राष्ट्रगान की रचना इसकी बाद की राष्ट्रवादी व्याख्या का खंडन करती है। अन्य लोगों का कहना है कि राष्ट्रगान की बहुभाषी प्रकृति सभी भारतीय भाषाओं का समान रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करती है। इन बहसों के बावजूद, राष्ट्रगान (national anthem) की स्थायी लोकप्रियता और राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने की इसकी क्षमता निर्विवाद बनी हुई है।
आधुनिक भारत का एक प्रतीक
जैसे-जैसे भारत 21वीं सदी में आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है, “जन गण मन (Jana Gana Mana)” देश के जीवंत लोकतंत्र, विविधता में एकता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में काम कर रहा है। चाहे इसे सार्वजनिक समारोहों, खेल आयोजनों या आधिकारिक समारोहों में गाया जाए, राष्ट्रगान की गूंज कम नहीं होती है। यह औपनिवेशिक शासन के अधीन भूमि से एक संप्रभु राष्ट्र तक भारत की उल्लेखनीय यात्रा की याद दिलाता है जो प्रगति की साझा दृष्टि के साथ आगे बढ़ते हुए अपनी विविधता का जश्न मनाता है।
आचार संहिता (Code of conduct)
India national anthem विभिन्न अवसरों पर बजाया या गाया जाता है। राष्ट्रगान के सही संस्करणों, जिन अवसरों पर इन्हें बजाया या गाया जाना है, और ऐसे अवसरों पर उचित मर्यादा का पालन करते हुए राष्ट्रगान को सम्मान देने की आवश्यकता के बारे में समय-समय पर निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों का सार सामान्य जानकारी और मार्गदर्शन के लिए भारत सरकार द्वारा जारी सूचना पत्र में सन्निहित किया गया है। भारत के राष्ट्रगान (India’s national anthem) के पूर्ण संस्करण की अनुमानित अवधि 52 सेकंड और छोटे संस्करण के लिए 20 सेकंड है।
निष्कर्ष
“जन गण मन (Jana Gana Mana)”, सिर्फ एक गाना नहीं है; यह भारत और उसके लोगों की भावना का एक प्रमाण है। अपनी उत्तेजक धुन और गहन गीतों के साथ, राष्ट्रगान (national anthem) एकता, विविधता और लचीलेपन के मूल्यों का प्रतीक है जो राष्ट्र को परिभाषित करते हैं। जैसे-जैसे भारत विकसित हो रहा है और आधुनिक दुनिया की चुनौतियों से निपट रहा है, राष्ट्रगान (national anthem) निस्संदेह देश की पहचान का एक अभिन्न अंग बना रहेगा, और आने वाली पीढ़ियों को उन आदर्शों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा जिनका वह प्रतिनिधित्व करता है – एकजुट और सामंजस्यपूर्ण भारत।
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